गहमर: प्रसिद्ध जासूसी उपन्यासकार गोपालराम गहमरी की स्मृति में साहित्य सरोज द्वारा आयोजित 11वें गोपालराम गहमरी साहित्यकार एवं कला महोत्सव के तीसरे दिन कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह के साथ सम्पन्न हुआ।कवि सम्मेलन की शुरुआत में वाराणसी से आये फायर बनारसी ने अपनी हास्य-व्यंग्य की रचना खेलों और खलिहानों में, मिसाइल अब बनायेगें सुनाया।जहानाबाद बिहार से आई कुमारी अंनता ने न रंग है, न रूप है न गुणों की खान है , फिर श्याम कैसे शरण मिले इस सोच में प्रान है की प्रस्तुति दी। बिकानेर से आये शिव दाधीच ने त्याग समर्पण और भावना मातृभूमि के लिए रखता हूं। मात शारदे का वंदन करके गीत वतन के पड़ता हूं, सुनाया।मछली शहर जौनपुर से आये डां प्रेम शंकर ने आओ मेरी बाहो़ में वादियां कहती हैं सुनाकर माहौल के प्रेम मय कर दिया। बागपत उत्तर प्रदेश से आये श्रीपाल शर्मा ने पता नहीं आदमी को किस बात का गुमान है, यहां तो अब आदमी ही आदमी से परेशान है सुना कर सभी को झकझोर दिया। कवि सम्मेलन में इन्द्रजीत सिंह निर्भिक, मैहर की रश्मि श्रीवास्तव, कोलकाता के स़जय शुक्ला, छत्तीसगढ़ के संजय मैथिल इत्यादि ने काव्यपाठ किया।।कवि सम्मेलन का संचालन लखनऊ से आये ओम जी मिश्र एवं अध्यक्षता गोरखपुर से आये नंदलाल मणि त्रिपाठी ने किया।
सम्मान समारोह में हिन्दी साहित्य के सर्वांगीण विकास हेतु राजाधाम देव सम्मान गोरखपुर के नंदलाल मणि त्रिपाठी को, श्रीमती सरोज सिंह गौरव सम्मान हाथरस की संतोस शर्मा शान को, मान्धाता सिंह शिक्षक सम्मान मैहर की रश्मि श्रीवास्तव को, रामयश सिंह तहसीलदार सम्मान दुर्ग छत्तीसगढ़ के संजय कुमार मैथिल को, गोपालराम गहमरी उपन्यासकार सम्मान डाॅ प्रेम शंकर द्विवेदी भास्कर को , बेस्ट महिला कलाकार बिकानेर की रित शर्मा को दिया गया। इस समारोह में कुल 22 साहित्यकार एवं कलाकारों को सम्मानित किया गया।इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि पैरा मिलिट्री फोर्स के गहमर अध्यक्ष एसआई हेमंत कुमार उपाध्याय रहे।कार्यक्रम का संचालन अखंड गहमरी ने किया।

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