शौर्य व साहित्य की धवल धरा आदर्श गांव गहमरी, जनपद उत्तर प्रदेश, गंगा की पावन लहरें, मां कामाख्या देवी जहां विराजमान हों—उस माटी को शिव प्रकाश दाधीच बीकानेरी का शत्-शत् नमन।
इस समारोह की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम है। छत्तीसगढ़ के साहित्यकार श्री सुनील दत्त जी मिश्रा का तहेदिल से आभार, जिन्होंने मां सरस्वती के आराधक, परम स्नेही, आदरणीय समाजसेवी श्री अखंड प्रताप सिंह, संयोजक—कला साहित्य 11वां गोपाला राम गहमरी साहित्य सम्मेलन, शॉर्ट फ़िल्म, मोटिवेशनल वीडियो, कवि सम्मेलन—अलख जगाने वाले क़लम सिपाही से प्रथम मुलाक़ात करा कर धन्य-धन्य कर दिया।
वरिष्ठ साहित्यकारों का इस आयोजन में शामिल होना बहुत गर्व की बात है। मैं तो श्री नन्द लाल जी (गोरखपुर), श्री ओम मिश्रा जी, बेधड़क जी, बहन प्रभा जी यादव, संतोष शान, रमा जी, हावड़ा व कलकत्ता निवासी संजय शुक्ला, सुरेन्द्र सिंह—उनके व्यवहार से बहुत प्रभावित हुआ। मानस पटल पर तो आए हुए सभी साहित्यकार अंकित हैं, जिसको भूलना असंभव है।
मैं आभारी हूं आयोजक मंडल के परम आदरणीय अखंड प्रताप सिंह का व सभी सदस्यों का, जिन्होंने मुझ अदने से कलाकार को बेस्ट अभिनेता के सम्मान देकर नवाज़ा गया।और मेरी भतीजी कुमारी रित शर्मा को बेस्ट महिला अभिनेत्री का पुरस्कार देकर हौसला बढ़ाया, उसके लिए छत्तीसगढ़गढ़ अभिनेता परम आदरणीय सुनील दत्त मिश्रा जी का तहेदिल से आभार।रहने व खाने की व्यवस्था घर जैसी शानदार, आज की तड़क-भड़क से दूर, अपनापन लिए थी।
बस इतना ही कह सकता हूं कि.......................
शब्द—साहित्य की धार अगर कह दूं तो ग़लत नहीं होगा।
धारा का पाट अगर कह दूं तो ग़लत नहीं होगा।
गहमरी के श्री अखंड प्रताप सिंह व पूरी साहित्य टीम को सेवा का अवतार अगर कह दूं तो ग़लत नहीं होगा।
शिव प्रकाश दाधीच
बीकानेरी, राजस्थान
पूर्व अध्यक्ष—दाधीच समाज, बीकानेर
व मोटिवेशनल वीडियो मेकर व ओजस्वी कवि।

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