कितनी प्यारी तितली रानी
हरदम करती है शैतानी ।
इधर -उधर है उड़ती रहती
करती बस अपनी मनमानी।
रंग बिरंगे पंख निराले
मन को मोहित करने वाले।
जब भी पकड़ो यह उड़ जाती
दूर पहुंँचकर है इतराती ।
फूलों पर रहती मंडराती
रस सारा है यह पी जाती ।
बहुत मुलायम कागज जैसे
पर हैं इसके पकडूंँ कैसे ।
देख - देख राधा हर्षाती
मोहन को आवाज लगाती ।
आ जाते हैं शुभि औ मोहित
देख रहे होकर उत्साहित।
बाल कविता -* जन्मदिवस
जन्मदिवस बेटे का आया
घर में उत्सव सा छाया ।
दादा-दादी, ताऊ-ताई
सबने हैं खुशी मनाई ।
सुबह से ही सब हो गये व्यस्त
गर्मी से सभी थोड़े त्रस्त ।
आइस्क्रीम है तब मँगाई
सबने मिलकर फिर खाई
मौसीजी भी तो आयी हैं
उपहार संग लायी हैं ।
चरण स्पर्श सभी के मैं करता
सभी से आशीष मिलता ।
अनोखा उपहार मुझे मिला
पापा संग मैं तो चला ।
पहुँच गया हूँ मैं स्पेस सिटी
साथ मैं हैं मेरे किटी।
यह तो बहुत सुंदर जगह
लगती है अंतरिक्ष तरह ।
मामा ने कार है दिलाई
मैंने सभी को है दिखाई ।
पूनम दीक्षित
ज्वाला नगर रामपुर उत्तर प्रदेश
92670 40895


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