झारखंड में शिव शंकर का,अनुपम हुआ निवास है।
बैद्यनाथ भोले भंडारी,जीवन भरे उजास है।।
बैद्यनाथ की गाथा सुन लो,महिमा बड़ी अपार है।
सिद्ध पीठ यह लिंग कामना,पूजे सब संसार है।।
दूर-दूर से यात्री आते,पूरण होती आस है।
बैद्यनाथ भोले भंडारी,जीवन भरे उजास है।।
काट शीश नौ धड़ से अपने,शिव चरणों में चढ़ा दिए।
घोर तपस्या कर रावण ने,वर में शिव ही पा लिए।।
हृदय मुदित शिवलिंग उठाता, पौरुष पर विश्वास है।
बैद्यनाथ भोले भंडारी,जीवन भरे उजास है।।
रावण मूढ़मति नहीं जाना,महाकाल भ्रम पाश हैं।
तीन लोक के स्वामी भोले,कैलाशी अविनाश हैं।।
अभिसिंचित उर प्रेम भावना,शिव का ही आवास है।
बैद्यनाथ भोले भंडारी,जीवन भरे उजास है।।
कल्प कथा मत मानो भक्तों,श्रद्धा भक्ति प्रमाण है।
नवम ज्योतिर्लिंग यह शिव का,हर संकट से त्राण है।
पंचशूल है कवच सुरक्षा,शिवरक्षण आभास है।
बैद्यनाथ भोले भंडारी,जीवन भरे उजास है।।
डॉ ऋतु अग्रवाल
मेरठ,उत्तर प्रदेश
70602 27653

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