निवेश : आज का त्याग, कल का सुकून - प्रियंका खंडेलवाल

 “In investing, what is comfortable is rarely profitable” — यह वाक्य केवल निवेश की तकनीकी सच्चाई नहीं बताता, बल्कि जीवन का एक गहरा दर्शन भी सामने रखता है। मनुष्य स्वभावतः आज के आराम को चुनता है—आज खर्च करना, आज सुविधा लेना, आज आनंद में जीना। लेकिन यही आरामदायक रास्ता अक्सर भविष्य की असुविधा की नींव रख देता है।

निवेश का अर्थ केवल पैसे लगाना नहीं है, बल्कि आज की कुछ इच्छाओं को नियंत्रित कर, कल की सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन की तैयारी करना है। जब हम आज अपनी आय का एक हिस्सा बचाते हैं, तो हम केवल अपने लिए नहीं, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य के लिए भी एक मजबूत आधार तैयार करते हैं। आज की गई बचत, कल उनके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान बनकर सामने आती है।

आज यदि हम सोचते हैं—“अभी समय है, बाद में देखेंगे”, तो यही सोच धीरे-धीरे आदत बन जाती है। और फिर एक दिन ऐसा आता है जब समय तो होता है, लेकिन अवसर नहीं। इसके विपरीत, जो व्यक्ति आज थोड़ी असुविधा स्वीकार करता है—कम खर्च करता है, अनावश्यक विलासिता से बचता है, और नियमित निवेश करता है—वही व्यक्ति भविष्य में वास्तविक आराम का अधिकारी बनता है।

निवेश में जोखिम अवश्य होता है, लेकिन सबसे बड़ा जोखिम है निवेश न करना। महंगाई हर दिन हमारी बचत की कीमत घटा रही है। ऐसे में केवल पैसा जमा करना पर्याप्त नहीं, उसे सही दिशा में निवेश करना आवश्यक है। यह निवेश केवल बैंक बैलेंस नहीं बढ़ाता, बल्कि पीढ़ियों के बीच सुरक्षा का सेतु बनता है।

जब हम आज बचत करते हैं, तो कल हमारे बच्चे अपने सपनों के लिए कर्ज़ के बोझ में नहीं दबते। वे शिक्षा के लिए संघर्ष नहीं करते, इलाज के लिए दर-दर नहीं भटकते और अपने माता-पिता के बुढ़ापे को बोझ नहीं समझते। आज का संयम, कल उनके चेहरे की मुस्कान बनता है।

अतः यह स्पष्ट है कि निवेश में जो आज आरामदायक लगता है, वह अक्सर लाभकारी नहीं होता। आज का त्याग ही कल का सच्चा आराम है। आज यदि हम बचत करेंगे, सही निवेश करेंगे, तो कल न केवल हमें, बल्कि हमारे बच्चों को भी वह आराम मिलेगा, जो सम्मान, सुरक्षा और आत्मविश्वास से भरा होगा।

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