योग दिवस पर संस्मरण -रश्मि रानी


मुझे याद है जब मेरा शरीर अपने आप ही फुलता चला गया पता नहीं क्या कमी थी
जब गर्मी की छुट्टियां पड़ी तो मेरी सारी सहेलियां कमजोर होकर आई तब मैंने देखा कि यह क्या आप लोगों ने क्या किया है 
किसी ने कहा मैं जिम जॉइन किया है किसी ने कहा मैंने योग किया है तो मुझे भी लालसा हुई कि मैं भी कुछ ना कुछ अपने शरीर के लिए करूं 
तभी मेरी सहेली ने कहा कि योग योगासन के लिए पतंजलि में चलते हैं 
पहले तो कुछ सोचा नहीं फिर सोचा चलो आजमा कर देखते हैं 
तो मैंने अपने पति और अपनी टिकट बुक करा ली 
तो हम लगभग 10 दिन के लिए पतंजलि गए 
तो वहां से ऐसा मन ध्यान में लगा और योग में लगा कि मैं आकर अपनी गली की सहेलियों को मंदिर में जगह लेकर योगा करना शुरू किया तो वह आज भी उसे को याद करते हैं कि आप कब दोबारा फिर से शुरू करोगे 
यह बात 2012 की है तभी मैंने जमकर योग किया और मैंने लगभग 30 किलो अपना वेट कम किया 
योगासन और शारीरिक परिश्रम शरीर को एक नई उड़ान देते हैं 
करें योग रहे निरोग 
रश्मि रानी कौशल सोनीपत हरियाणा



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