योग दिवस पर शालिनी

 शारीरिक स्वास्थ्य जीवन की सबसे अनमोल निधि है। जीवन को सफल बनाने और ऊंचाई तक ले जाने के लिए हम सबसे पहले शिक्षा और धन अर्जन पर कार्य करना चाहते हैं जबकि हमारा स्वास्थ्य जिस पर हमारी सारे दिन की क्रियाएं प्रभाव डालते हैं। उसको हम पीछे करते हुए अंन गतिविधियों को तत्परता से निभाते हैं। हम कार्य तो अपने निष्ठा से और मेहनत से पूर्ण समर्पण के साथ करते हैं। परंतु हम सफल नहीं हो पाते हैं क्योंकि  हम अपने शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य पर ना तो चिंतन करते हैं ना ध्यान ही केंद्रित करते हैं ।जिससे हम ना चाहते हुए भी बहुत सारी बीमारियों को आमंत्रित कर लेते हैं। हालांकि यह सारी बीमारिया 

जब अंकुरित होती है तब हमें संकेत देती है लेकिन हम अपनी छोटी-छोटी मानसिक शारीरिक समस्याओं को पीछे करते हुए तत्परता से अपने कार्यों में लगे रहते हैं। जिससे हमारा स्वास्थ्य गंभीर समस्याओं से ग्रसित हो जाता है आज योग दिवस पर मैं यही कहना चाहूंगी कि हमें नियमित योग के सरल सरल नियमों के माध्यम से अपने जीवन में अनुशासित तरीके से स्वीकारना चाहिए। योग  स्वस्थ रहने में हमारी सहायता करता है। वही हमारी मानसिक और मन की गति को नियंत्रित करने के लिए हमें ध्यान को भी अपने जीवन शैली में स्थान देना चाहिए। ध्यान हमें स्वय से मिलाने का कार्य करता है। और हमारे मन की स्थिति को मजबूत करता है इसलिए हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम अपने नियमित कार्यशैली में ध्यान  को स्थान देते रहें। क्योंकि यदि हमने मन को नियंत्रित कर लिया, तब हमारे लिए सफलता बहुत छोटा विषय रह जाएगा। अतः हमें अपने खान-पान के लिए भी जागरूक होने की आवश्यकता है। हम जानते बहुत कुछ हैं लेकिन करते बहुत कम है। इसलिए हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम खानपान की उचित शैली का प्रयोग करें। जिस परिवार में बड़ो की खान-पान, व्यवहार, कार्यशैली जिस तरह होती है बच्चे भी उसी का अनुसरण करते हैं। यदि हम अपने में परिवर्तन लाएंगे तो हमारे बच्चे भी स्वत परिवर्तित हो जाएंगे । आता हमें पहले स्वयं नियमित रूप से योग और खान-पान की सही नियमावली को स्वीकारना होगा। योग दिवस मात्र एक दिवस नहीं है अपितु यह हमें  जीवन को सही दिशा की ओर अच्छे स्वास्थ्य की ओर लेजाने का एक छोटा सा प्रयास है।
क्योंकि स्वस्थ शरीर में एक स्वस्थ मन का निवास होता है स्वस्थ मन में अच्छे विचारों  और दृढ़ संकल्प की शक्ति उत्पन्न होती है। जो मनुष्य को बुद्धि विवेक बल धन प्रदान करती है। परंतु आज के समय में हमें सबसे पहले धन चाहिए चाहे हमारे पास अच्छा स्वास्थ्य हो ना हो अच्छे बुद्धि हो ना हो अच्छे विचार हो ना हो परंतु अच्छा धन होना ही चाहिए। क्योंकि हमारी  आवश्यकताऐ भौतिक संसाधनों से इस तरह प्रभावित है। कि धन ने प्रथम स्थान प्राप्त कर लिया है। लेकिन जब हम अस्पतालों में मरीजों की हालत देखते हैं तो हमें लगता है कि मनुष्य को सबसे पहले अपने स्वास्थ्य पर कार्य करना चाहिए जीवन भर मेहनत से कमाया हुआ धन अच्छा स्वास्थ्य ना होने पर कुछ समय में समाप्त हो जाता है। इसलिए हम सभी को अपने स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए और हमेशा स्वस्थ रहने के लिए योग को अपने जीवन शैली मे सर्वप्रथम स्थान देना चाहिए। खेल खेल में ही छोटी-छोटी आसान बच्चों को सीखने का प्रयास करना चाहिए।अच्छा स्वास्थ्य अच्छे जीवन का परिचालक है।



शालिनी बसेड़िया दीक्षित
प्रयागराज उत्तर प्रदेश


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ