साहित्य सरोज सप्ताहिक आयोजन क्रम - १०में तृतीय स्थान प्राप्त
योग दिवस
स्वस्थ रखना है मन को सदा
खुश रहेगा तन हम सभी का ज्यादा
योग करता रोगों का निवारण
चिंता बनता हैं रोगों का कारण।
रोग से मुक्ति हमें पाना है,
योग की युक्ति अपनाना है
हरी सब्जी खाते जाओ
रोग को सदा के लिए दूर भगाओ।
प्रातः काल हमें उठना है
योग के आसन पर बैठना है
शरीर को तोड़ मरोड़ कर
स्वास्थ्य को रखेंगे हमेशा जोड़कर।
बच्चों को भी योग का ज्ञान हो
अपने स्वास्थ्य पर सबको अभिमान हो,
ऐसे संकल्पना को हमें जोड़ना है
बुरी आदतों को हमेशा के लिए छोड़ना है।
देसी खाद का समीकरण हो
शरीर में पौष्टिक तत्व का नवीनकरण हो,
अपने हाथों से साग सब्जी उगाना है
अपने अंदर की ताकत को अब जागना है।
तब रहेंगे स्वस्थ हम
रोगों से रहेंगे मुक्त हम
फिटनेस का होगा ज्ञान हमें
जीवन पर होगा गुमान हमें।
ज्योति राघव सिंह
वाराणसी -(उत्तर प्रदेश)
वर्तमान पता- लेह-लद्दाख
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